Tuberculosis (TB) Symptoms, Causes, Treatment in Hindi || टीबी की बीमारी क्या है लक्षण कारण और इलाज क्या है

 Tuberculosis (TB)  Symptoms, Causes, Treatment in Hindi


टीबी की बीमारी क्या है लक्षण कारण और इलाज क्या है

 

आज बात करेंगे ट्यूबरकुलोसिस के बारे में  जिसे शोर्ट में आप टीबी की बीमारी या टीबी के नाम से जानते है टीबी सम्पूर्ण विश्व में एक गंभीर बीमारी के रूप में मानी जाती है यह बीमारी कितनी खतरनाक है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है की दुनिया की लगभग एक तिहाई आबादी यानी की लगभग दो अरब लोग टीबी रोग से संक्रमित हैं जी हाँ यह आंकड़े आपको चौकाने वाले है मगर यह सच है हर साल लगभग 90 लाख लोग टीबी के शिकार हो जाते है और 2020 के अंत तक लग्भग 20 करोड़ लोगों के इस बीमारी की चपेट में आ चुके होंगे तो इस बीमारी की जानकरी होना बेहद जरुरी है दोस्तों हमारे देश में हेल्थ एजुकेशन का बहुत ही आभाव है जिसके चलते कई बार हम जानकारी के आभाव में ऐसे रोगों का शिकार हो जाते है और समय पर इलाज नहीं मिल पाने के कारण लाखो लोगो की मौत इस प्रकार की बीमारियों से हो जाती है तो जानकारी जरुरी है तो आईये आज इस विडियो में जानते है की आखिर यह टीबी की बीमारी क्या है कैसे होती है क्या लक्षण है क्या उपचार है और हम कैसे इससे बच सकते है

TB Kya hai

तो सबसे पहले यह जान लीजिये की टीबी एक गंभीर बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (Mycobacterium tuberculosis)  नाम के खतरनाक बैक्टीरिया के कारण होती है अच्छा यह बैक्टीरिया खासकर कमजोर लोगो को अपना शिकार बनता है और सीधे जा बेठता है रोगी के फेफड़ो में यानी की यह अधिकतर फेफड़ों को ही अपना शिकार बनाता है लेकिन नुकसान यह फेफडो के साथ ही शरीर के सभी अंग पहुंचा सकता है।

यह रोग ऐसा रोग है जो  हवा के माध्यम से फैलता है जब कोई टीबी से ग्रसित व्यक्ति खसता या छींकता तो ऐसा व्यक्ति माइकोबैक्टीरियम को फेलने में उसकी मदद करता है यह बेक्टेरिया हवा के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को अपना शिकार बना लेता है और उसे पता भी नहीं चलता है जी हाँ यदि आपका इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हैतो फिर टीबी का बेक्टिया आपको आसानी से अपनी चपेट में ले लेता है और फिर यदि ऐसे में लापरवाही बरती जाए  सही तरीके से इलाज न लिया जाए तो फिर टीबी जानलेवा साबित हो सकती है।

 

अच्छा यह टीबी भी दो तरह की होती है

 1. पहली  लेटेंट टीबी (Latent TB)  

इस टीबी के होने पर ट्यूबरकुलोसिस का बैक्टीरिया शरीर में चला तो जाता है लेकिन यह व्यक्ति को बीमार नहीं कर पाता है  क्योंकि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली टीबी के बेक्टीरिया को फेलेने से रोक लेती है तो इस प्रकार के टीबी से ग्रसित व्यक्ति में यह रोग फैलता नहीं है कई बार तो व्यक्ति को पता ही नहीं चलता है क्योकि उसे टीबी के लक्षण नजर नहीं आते हैं तो ऐसे व्यक्ति संक्रामक नहीं होतेबल्कि टीबी ग्रसित संक्रामक (Infectious) लोगों से संक्रमित (Infected) होते हैं और ऐसे लोगों को एक्टिव टीबी होने का खतरा बना रहता है क्योकि बेक्टीरिया शारीर में मौजूद है ।

टीबी के दुसरे पारकर की बात करे तो यह है एक्टिव टीबी (Active TB) 

जब आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली टीबी के बैक्टीरिया के सामने अपने हथियार डाल देती है  तब टीबी का बैक्टीरिया सक्रिय होकर आपके शरीर पर हावी होने लगता है और जब टीबी के जीवाणु सक्रिय होते हैं तो यह शरीर में बड़ी तेजी से गुणा यानी मल्टीप्लाई होने लगते हैं और ऐसी स्थिति में इसे टीबी रोग या फिर  एक्टीव टीबी कहा जाता है तब ऐसा व्यक्ति वास्तविक रूप में बीमार लगने लगता है

 

वैसे  टीबी को फेफड़ों यानी लंग्स से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन ऐसा नहीं है कि टीबी रोग शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित नहीं करता है  क्षय रोग के बैक्टीरिया की वजह से रीढ़ की हड्डी में टीबीपेट का टीबी और बोन टीबी भी हो सकता है

 

चलिए इस रोग के क्या क्या कारण हो सकते है यानी किसी व्यक्ति को यह किन किन कारणों से तरीको से हो सकती है इसे जानना बेहद जरुरी है

सबसे पहला कारण माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस (एमटीबी) बैक्टीरिया के कारण ऐसा हो सकता है जैसा कि आपको पहले बताया जा चूका है टीबी एक संक्रामक रोग हैइसलिए यह हवा के माध्यम से भी फैल सकता है यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति टीबी ग्रसित व्यक्ति का संक्रमित रूमाल या तौलिया इस्तेमाल करता है तो भी यह रोग हो सकता है  एचआईवी की अवस्था में भी टीबी हो सकता है।

  

तो पता चले की किसी को टीबी तो नहीं है
तो इसके लिए टीबी के लक्षण जानना जरुरी है

चलिए टीबी के लक्षणों को जान लेते है टीबी अधिकतर फेफड़ों में ही होता हैजिसके कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते है

 

यदि किसी व्यक्ति को

·         तीन हफ्ते या उससे ज्यादा समय से खांसी है तो यह टीबी हो सकती है

·         खासी के साथ साथ यदि धीरे धीरे  भूख में कमी होने लगे तो यह टीबी हो सकती है

·         यदि खासी के साथ साथ बलगम और खून का निकलता है तो यह टीबी का लक्षण है

·         अकारण ही लगातार कमजोरी और थकान महसूस होता है तो यह टीबी के कारण हो कसता है लगातार बुखार बने रहना रात में पसीना आना सीने में दर्द होना अचानक ठंड लगना ये सभी टीबी के कुछ सामान्य लक्षण है

यदि किसी तो ऐसे लक्षण नजर आये तो तुरंत डॉक्टर से ही संपर्क करना चाहिए और अपनी टीबी की जांच करनी चाहिए

  

तो यदि आपको ऐसे लक्षण दिखाई दे तो बिना देर किये टीबी की जांच करना जरूरी है अब इसके लिए क्या क्या जांच होती है इसके लिए टीबी स्किन और ब्लड टेस्ट किए जाते हैं। इससे सिर्फ यह स्पष्ट होता है कि व्यक्ति को टीबी की बीमारी है या नहींलेकिन यह नहीं पता चलता कि व्यक्ति को लेटेंट टीबी है या एक्टिव टीबी खून की जांच के आलावा चेस्ट एक्स-रे और थूक का नमूना लेकर भी जांच की जाती है जिससे यह स्पष्ट हो जाता है कि व्यक्ति को लेटेंट टीबी है या एक्टिव टीबी रोग  और आपका डॉक्टर इसके बाद बीमारी की गंभीरता के आधार पर आपको दवा देता है एक समय था जब टीबी लाइलाज बीमारी हुआ करती थी मगर

 

अब टीबी की बीमारी का इलाज संभव है

जी हां टीबी रोग का इलाज संभव है इसके लिए आपको से महीने तक कई दवाओं का सेवन करना होता है

आपका डॉक्टर आपको

आइसोनियाजिड (Isoniazid – INH)

·         रिफैम्पिन (Rifampin – RIF)

·         इथाम्बुटोल (Ethambutol – EMB)

·         पाइरा जिन माइड (Pyrazinamide- PZA)

 

जैसी दवा आपके रोग की स्थिति के अनुसार देता है कभी भी आपको बिना चिकित्सक की सलाह के इस प्रकार की दवा का सेवन नहीं करना है और दवा का सही समय पर नियमित रूप से कोर्से पूरा होने तक जरुर से सेवन करना चाहिए किसी भी कारण के दवा का सेवन बिच में नहीं छोड़ना चाहिए

  

अच्छा आपको एक जरुरी बात और बता दे ट्यूबरकुलोसिस के इलाज के लिए जरुरी है की आप दवा के साथ साथ पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन भी नियमित रूप से करे क्योंकि क्षय रोग में आहार की अहम भूमिका होती है जी हाँ

 

·         क्षय रोग में आहार का सेवन करते समय यह ख्याल रखना होगा कि डाइट में भरपूर कैलोरीप्रोटीनवसाकार्बोहाइड्रेटविटामिन-एडीई जरूर शामिल करें।

·         खासकरविटामिन-सी व दो संतरे का प्रति सप्ताह सेवन करें।

·         आवश्यक खनिजजिंकआयरनकॉपर व कोलेस्ट्रॉल के लिए फल और सब्जियों का सेवन करें।

·         सामान्य नमक की जगह क्लोराइड के अलावा खनिज से भरपूर नमक को उपयोग में लाएं।

·         कार्बोहाइड्रेट और पशुओं से मिलने वाले प्रोटीन का सेवन थोड़ा कम करें।

 

चलिए अब आपको बताते है की आप कैसे इस रोग से बच सकते है

टीबी रोग को बढ़ने और फैलने से रोकना ही इसका सबसे बड़ा इलाज है क्योकि यह एक संक्रामक रोग है तो इसे फेलेने से रोकने के लिए जरुरी है की रोगी का इलाज समय पर हो जाए नहीं तो यह कई लोगो को टीबी का रोगी बना सकता है

 

तो टीबी से बचने के लिए आप कुछ चीजो का विशेष रूप से ध्यान रखे

छींकते व खांसते हुए हमेशा मुंह को कपड़े या टिश्यू पेपर से ढकें।

·         धूम्रपान करने से बचें और धूम्रपान करने वालों के सामने न रहें।

·         शराब पीने से बचें।

·         अपना तौलिया और अन्य सामान किसी के साथ शेयर न करें।

·         छींकनेखांसने और भोजन करने से पहले व बाद में हाथ धोएं।

·         टीबी प्रभावित लोगों के घर न जाएं।

 

अगर आप टीबी के शिकार हो चुके है तो भाई आपसे हाथ जोड़ कर विनती है टीबी को फैलने से रोकने के लिए मदद करे तो आपको करना क्या है

·         टीबी के ठीक होने तक अन्य लोगों से मिलने से बचें।

·         भीड़ वाली जगहों व सार्वजनिक जगहों पर ठीक होने से पहले जाने से बचें।

·         कमरे की खिड़कियां खुली रखें ताकि ताजी हवा का संचार हो।

·         सार्वजनिक परिवहन व गाड़ियों में सफर करने से बचें।

·         समय पर इलाज ले ताकि आप पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर एक अच्छा जीवन जी सके

 Narendra Agarwal :

 


Post a Comment

Post a Comment (0)

Previous Post Next Post