स्कोलियोसिस क्या है स्कोलियोसिस लक्षण कारण और इलाज - Top and Best Scoliosis Doctor in India-in Hindi

स्कोलियोसिस क्या है स्कोलियोसिस - लक्षण, उपचार और कारण 

स्कोलियोसिस के टॉप बेस्ट डॉक्टर (Top and Best  Scoliosis Doctor in India)

स्कोलियोसिस क्या है  ?

स्कोलियोसिस एक ऐसी बीमारी है बल्कि इसे बीमारी नहीं कह कर यह कह सकते है की स्कोलियोसिस शरीर की एक ऐसी स्थिति है जिसमे किसी व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी एक तरफ मुड जाती है या घूम जाती है और रीढ़ की हड्डी का शेप या तो C आकार का हो जाता है या फिर S के आकार का होने लगता है तो यह बीमारी यानी स्कोलियोसिस रीढ़ की हड्डी के भीतर किसी भी स्थान को प्रभावित कर सकता है लेकिन आमतौर पर यह बीमारी थोरैसिक या छाती क्षेत्र को ज्यादा प्रभावित करता है इसलिए इसे थोरैसिक स्कोलियोसिस के रूप में भी जाना जाता है।

यह बीमारी जब यह पीठ के निचले भाग में होता है तो इसे लम्बर स्कोलियोसिस कहा जाता है ।

अब यह बीमारी क्यों होती है तो स्कोलियोसिस के ज्यादातर मामलों में स्कोलियोसिस का कारण अज्ञात ही रहता है यानी की बीमारी के कारणों का पता ही नहीं चलता है लेकिन जितने भी रिसर्च इस बीमारी पर हुए है उनके अनुसार कुछ मामलों में स्कोलियोसिस होने के मुख्य कारणों में  मांसपेशी डिस्ट्रोफीसेरेब्रल पाल्सी और स्पाइनल बिफिडा इस बीमारी के विकास के मुख्य कारण माने जाते हैं।

Scoliosis in hindi


यह बीमारी ज्यादातर बच्चों में होती है और यदि यह बीमारी बच्चो में है तो
  इसके लिए किसी भी प्रकार के इलाज की जरूरत नहीं होती है  रीढ़ की हड्डी का यह घुमाव धीरे-धीरे बच्चे के बड़े होने के साथ साथ धीरे-धीरे सुधरता जाता है लेकिन यदि बीमारी ज्यादा है तो बच्चे की उम्र और रीढ़ की हड्डी में कितना मुडाव आ चूका है के आधार पर इलाज किया जाता है लेकिन कुछ मामलों में यह समस्या समय के साथ बढ़ जाती है  हल्का स्कोलियोसिस थोडा सा मुडाव समस्याग्रस्त नहीं होता है लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते हैंरीढ़ की विकृतियाँ और अधिक गंभीर हो सकती और ऐसी स्थिति में गंभीर स्कोलियोसिस छाती में जगह की मात्रा को कम कर सकता है और ऐसी स्थिति बन्ने पर ठीक से सांस लेना मुश्किल होने लगता है ।  स्कोलियोसिस के कारण आने वाले रीढ़ की हड्डी के मुडाव की डिग्री हल्के स्कोलियोसिस के रूप में 10-20 डिग्री होती है  मध्यम स्कोलियोसिस के रूप में 20-50 डिग्री और गंभीर स्कोलियोसिस के रूप में 50 डिग्री से अधिक होती है तो स्कोलियोसिस की जटिलताओं में सांस लेने में दिक्कत होना  मुख्य होता है 

इस बीमारी के बढ़ने के कारण

जन्मजात स्कोलियोसिस- इस प्रकार के मामले बहुत ही कम होते है बल्कि यह शायद ही कभी होता है क्योंकि जब बच्चे मां के गर्भ में बढ़ रहे थेतब रीढ़ की हड्डियां असामान्य रूप से विकसित होती हैं लेकिन इस बीमारी के अन्य कारणों में जीन इसका कारण हो सकता है कम से कम एक जीन इस बीमारी के विकास में शामिल माना जाता है यदि किसी व्यक्ति की पैर की लंबाई एक पैर दूसरे की तुलना में ज्यादा या कम होती है तो ऐसे लोगो में धीरे-धीरे स्कोलियोसिस विकसित हो सकता है इसके अलावा छोटी उम्र में भारी बैकपैक लेना या घायल होने पर पर भी स्कोलियोसिस हो सकता है ।

scoliosis

अब इसका इलाज क्या है यह जानते है

स्कोलियोसिस होने पर डॉक्टर इस बीमारी का निदान करने के लिए पसलियोंरीढ़कूल्हों और कंधों की शारीरिक जांच करते हैं और स्कोलियोसिस की डिग्री मापी जाती है

  

भारत में स्कोलियोसिस के इलाज के लिए बेस्ट सर्जन कौन हैं ?

(Who are the Top Most Scoliosis Surgeons in India ?)

 Dr. Sachin Bhonsle – Top Scoliosis Surgeons in India

Education: MBBS, MS (Orthopaedics), FRCS (General Surgery)

Hospital: Fortis Hospital, Mumbai

Experience: 33 Years

 

Dr. Satish Mutha – Best Scoliosis Surgeons in India

डॉक्टर सचिन भोसले फोर्टिस हॉस्पिटल मुम्बई में आर्थोपेडिक सर्जन है यह बहुत ही अनुभवी सर्जन है  डॉ. सचिन भोसले हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में 33 वर्षों के अनुभव के साथ काम कर रहे है और स्कोलियोसिस सर्जरी के एक्सपर्ट है । 

Dr. Satish Mutha – Best Scoliosis Surgeons in India

Education: MBBS, MS (Orthopedics)

Hospital: S L Raheja Fortis Hospital, Mumbai

Experience:25 Years



डॉक्टर सचिन मुथा एस एल रहेजा फोर्टिस हॉस्पिटल मुंबई में आर्थोपेडिक सर्जन है यह बहुत ही अनुभवी सर्जन है  डॉ सचिन मुथा भारत में एक बहुत ही अनुभवी रीढ़ और हड्डी रोग के सर्जन हैं। रीढ़ और हड्डी रोग के क्षेत्र में एक विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर सचिन मुथा 24 वर्ष से अपनी सेवाए दे रहे हैं यह चिकित्सक मस्कुलोस्केलेटल पेन मैनेजमेंट, स्पाइनल डिसऑर्डर, स्पाइनल डिफॉर्मिटी करेक्शन, स्पाइनल डिस्क सर्जरी और स्पाइनल थेरेपी में एक्सपर्ट हैं।

 

Dr. Amit Kumar Agarwal – Best Scoliosis Orthopedist in India

Education: MBBS, MS (Orthopedics), M.Ch (Orthopedics), DNB (Orthopedics/Orthopedic Surgery), MNAMS (Orthopedics)

Hospital: Indraprastha Apollo Hospitals, Delhi

Experience: 12 Years

Dr. Amit Kumar Agarwal – Best Scoliosis Orthopedist in India

डॉ. अमित कुमार अग्रवाल जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, ऑर्थोपेडिक और स्पाइन सर्जरी के लिए एक्सपर्ट चिकित्सक है इस क्षेत्र में उन्होंने कई सर्जरी की है जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी, मांसपेशियों की समस्याएं, जोड़ों और मस्कुलोस्केलेटल विकार, स्पाइनल सर्जरी, जोड़ों का दर्द और  रीढ़ की हड्डी में चोट के यह एक्सपर्ट है इन्हें इस कार्य का 12 वर्षो का अनुभव है ।

 

Dr. Yash Gulati – Best Orthopedic Scoliosis Specialist in India

Education: MBBS, MCh (Orthopedic), MS (Orthopedic)

Hospital: Indraprastha Apollo Hospitals, Delhi

Experience: 30 Years

Dr. Yash Gulati – Best Orthopedic Scoliosis Specialist in India

 
डॉ यश गुलाटी दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में सिनिअर कंसल्टेंट के रूपों में काम कर रहे है डॉक्टर गुलाटी घुटने के रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी और स्पाइन सर्जरी के बहुत ही एक्सपर्ट विशेषज्ञ है इन्हें सबसे कम उम्र के आर्थोपेडिक सर्जन के रूप में पद्म श्री पुरस्कार भी मिला है वह मिनिमली इनवेसिव स्पाइन सर्जरी, स्लिप डिस्क के लिए माइक्रोडिसेक्टोमी और स्कोलियोसिस जैसी रीढ़ की विकृति के इलाज के लिए प्रसिद्ध है ।

योग और व्ययाम से स्कोलियोसि को ठीक करना

योग और व्यायाम की सहायता से स्कोलियोसिस की समस्या को काफी हद तक सही किया जा सकता है यदि समस्या बहुत अधिक है तो आप सर्जरी के लिए जा सकते है एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट के अनुसार एक मेडिकल रिसर्च में यह सामने आया है है स्कोलियोसिस को  व्यायाम और शारीरिक मुद्रा यानी सही स्थिति में रखकर रीढ़ की हड्डी को काफी हद तक सीधा किया जा सकता है इस रिसर्च के अनुसार व्यायाम से राहत मिल सकती है लेकिन स्कोलियोसिस का स्थाई इलाज नहीं हो सकता है 

 Narendra Agarwal :


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